महाभारत में कौरवों के पास थीं सभी सुख-सुविधाएं, लेकिन सभी अधर्मी हो गए, कुंती ने अभावों में भी पांडवों के दिए अच्छे संस्कार
बच्चों के पालन-पोषण में शिक्षा और संस्कार का समावेश होना बहुत जरूरी है। इन दोनों बातों में की गई लापरवा
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उदयपुर।उदयपुर शहर में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा धूमधाम से निकली।प्रभु श्री जगन्नाथ 95 किलो चांदी से बने रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दोपहर करीब तीन बजे जगदीश मंदिर से शुरू हुई जो की शहर के प्रस्तावित मार्ग से गुजरती हुई देर रात ग्यारह बजे के करीब पुनः जगदीश मंदिर पहुंचेगी।
कोरोना के चलते दो साल के अंतराल के बाद आषाडी बीज पर शुक्रवार को उदयपुर के अराध्य प्रभु श्री जगन्नाथ कर्फ्यू की पाबंदियों के बीच नगर भ्रमण को निकले।इस दौरान श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही।स्तिथि ऐसी हो गई की मार्ग में तिल रखने तक की जगह नहीं बची।दोपहर तीन बजे महाआरती साथ प्रभु की रथयात्रा रवाना हुई।इस दौरान रथ यात्रा में कई समाज और संगठनों की भागीदारी रही जबकि एक दर्जन से अधिक झाकियां भी शामिल हुई।इस दौरान मार्ग में जगह जगह प्रभु के रथ का श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया वही डीजे की धुन पर युवा जमकर थिरकते हुए नजर आए।
चप्पे चप्पे पर तैनात थी पुलिस-
दो दिन पूर्व शहर में कन्हैया लाल की निर्ममता पूर्वक हुई हत्या के बाद उपजे हालात को देखते हुए रथ यात्रा के दौरान चप्पे चप्पे पर पुलिस मौजूद रही,इस दौरान एसीबी के एडीजी दिनेश एम एन ने कमान संभाली।वही सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए ड्रोन से रथ यात्रा मार्ग की निगरानी की गई।
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